फेसबुक (Facebook) पर नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के खिलाफ की गई पोस्ट के बाद वायरल वीडियो में प्रोफेसर को 'सॉरी' बोलते देखा जा सकता है.
विजयपुरा:
कर्नाटक के विजयपुरा में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर केंद्र सरकार की आलोचना करना भारी पड़ गया. भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करने पर उन्हें घुटनों के बल बैठकर हाथ जोड़ते हुए माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया है. प्रोफेसर ने कथित तौर पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तारीफ भी की थी.
दक्षिणपंथी ग्रुप के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर को घेर लिया और उनसे घुटनों के बल बैठकर माफी मंगवाई गई. कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर के निलंबन की मांग भी की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रिंसिपल ने उन्हें आश्वस्त किया है कि मंगलवार को कॉलेज खुलने के बाद प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रोफेसर घुटनों के बल बैठकर 'सॉरी' बोल रहे हैं और उनके चारों ओर खड़े प्रोफेसर नारे लगा रहे हैं. भीड़ में कुछ पुलिसकर्मी भी देखे जा सकते हैं, लेकिन वे वहां पर केवल मूकदर्शक बनकर खड़े हैं. विजयपुरा में एक सीनियर पुलिस अधिकारी प्रकाश एन अमृत ने एनडीटीवी को बताया 'हमें कोई शिकायत नहीं मिली और ना ही अभी तक कोई एफआईआर दर्ज हुई है.'
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भाजपा नेता विवेक रेड्डी ने कहा, 'प्रोफेसर को संकट के समय हमारी सेना और भारत के लोगों की गहरी भावनाओं का ध्यान रखना होगा. आप पाकिस्तान की तारीफ करते हुए ऐसा कोई भी बयान नहीं दे सकते, जिससे भारत की नकारात्मक छवि बने.' कॉलेज कर्नाटक के गृहमंत्री एमबी पाटिल का है, लेकिन उनकी ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है.
बता दें, पिछले साल दिसंबर मणिपुर के एक पत्रकार को सोशल मीडिया पर कथिततौर पर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने को लेकर कस्टडी में लिए जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत उसे एक साल तक हिरासत में रखने की सजा सुनाई गई. सरकार के मुताबिक, 39 वर्षीय किशोरचंद्र वांगखेम को शुरू में 27 नवंबर को हिरासत में लिया गया था. फेसबुक पर एक वीडियो के माध्यम से मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और साथ ही पीएम मोदी की कथित तौर पर आलोचना करने के लिए उन्हें हिरासत में लिया गया था.
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इस वीडियो में कथिततौर पर किशोरचंद्र वांगखेम ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का मणिपुर से कोई संबंध न होने के बावजूद उनकी जयंती को चिह्नित करने के लिए कार्यक्रम के आयोजन को लेकर बीरेने सिंह को प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस की कठपुतली कहा था. सूत्रों के मुताबिक, वीडियो क्लिप में उन्होंने सरकार को गिरफ्तार करने की भी चेतावनी दी थी.