बाहर सर्दी थी लेकिन मैं सिर्फ़ बाथ सूट पहनकर एक पवित्र नदी के किनारे कंगारू की खाल पर लेटी थी. वहां पुदीने की पत्तियां सुलग रही थीं.
वूराबुप हज़ारों साल से समारोह की भूमि रही है. यह नदी पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की राजधानी पर्थ से दक्षिण-पूर्व में 360 किलोमीटर दूर छोटे शहर डेनमार्क के पास है.
इसे स्थानीय नूंगार लोगों ने अपना नाम दिया था जो मानते थे कि यह नदी सृष्टि की शुरुआत में वैजाइल नाम के विशाल सांप ने बनाई थी.
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के इस दक्षिणी तटीय इलाक़े में ज़्यादातर लोग अंगूर के बागों, स्वादिष्ट उत्पादों और शानदार समुद्र तटों पर छुट्टी बिताने के लिए आते हैं.
लेकिन मैं वहां एक स्थानीय उपचारक (वैद्य) जोए विलियम्स की मदद से अपने मन को फिर से संतुलित करने के लिए पहुंची थी.
आत्मा का प्रकृति से रिश्ता
ऑस्ट्रेलिया के देसी आदिवासी लोगों की संस्कृति धरती पर सबसे पुरानी जीवित संस्कृति है. क़रीब 60 हज़ार साल से प्रकृति की गहरी समझ ने उनके अस्तित्व को बचाए रखा है.
सभी सजीव और निर्जीव चीज़ों से स्वस्थ संतुलित रिश्ते ने उनके शारीरिक, आध्यात्मिक, मानसिक और भावनात्मक हितों की रक्षा की है.
उनके समुदाय के केंद्र में थे पारंपरिक उपचारक (वैद्य). जब तक आदिवासी संस्कृति जीवित रही उनको सम्मान मिलता रहा. उन पर लोगों का विश्वास रहा, लेकिन आज उनके बारे में बहुत कम जानकारी है.
बचे हुए उपचारकों में से एक हैं विलियम्स. उनको आदिवासी संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी है और कुछ लोग मानते हैं कि उनके पास अलौकिक क्षमता है.
वे जड़ी-बूटियों, धुएं और आत्मा की शुद्धि से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक बीमारियों का इलाज करते हैं.
आत्मा का संतुलन सुधारकर वह अवसाद का इलाज करते हैं. देसी ऑस्ट्रेलियाई इसे "आत्मा की बीमारी" कहते हैं.