चिली में विरोध प्रदर्शन की दूसरी रात सैंटियागो में एक सुपर मार्केट के अंदर आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई.
सैंटियागो के रीजनल गर्वनर कार्ला रुबिलकर ने बताया कि दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि एक अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि स्टोर में लूटपाट की गई है.
चिली में मेट्रो किराए में वृद्धि के बाद जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा ने फिलहाल के लिए बढ़े हुए किराए पर रोक लगा दी है.
हालांकि, इसके बाद भी अशांति की स्थिति बनी हुई है. सरकार की तरफ आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है साथ ही रात के वक़्त कर्फ्यू भी लगाया गया है. जिन जगहों में प्रदर्शन हो रहे हैं वहां सैनिकों और टैंकों की तैनाती की गई है.
चिली को लैटिन अमरीका के सबसे स्थिर देशों में गिना जाता है. यहां किराए में वृद्धि की वजह से हो रहे प्रदर्शन को आम जनता के बीच असंतोष के रूप में देखा जा रहा है.
चिली में अमीर और ग़रीब के बीच बहुत ज़्यादा अंतर है. इसके साथ ही यहां आर्थिक सुधारों की मांग भी उठती रही है. फिलहाल चिली में हो रहे प्रदर्शन बीते कई दशकों के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन हैं.
सैंटियागो में साल 1990 के बाद पहली बार अब सैनिकों की तैनाती की गई है. उस वक़्त अगस्टो पिनोशे की तानाशाही के बाद चिली में जब लोकतंत्र की बहाली हुई थी.
विरोध प्रदर्शन का दूसरा दिन
हिंसक प्रदर्शनों के दूसरे दिन, प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड लगाए और बसों में आग लगा दी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस लाठीचार्ज का प्रयोग किया.
पुलिस ने बताया कि 300 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया. इसके अलावा 156 पुलिसकर्मी और 11 आम नागरिक घायल हुए हैं.
राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा ने टेलीविजन पर कहा कि उन्होंने देश के नागरिकों की आवाज़ विनम्रता से सुनी, जीवन यापन पर बढ़ रही लागत को लेकर लोगों में असंतोष है. प्रदर्शनों को लेकर पिनेरा की प्रतिक्रिया की आलोचना हुई है.
आपात स्थिति के तहत सैंटियागो में सुरक्षा प्रभारी जनरल जेवियर इटुरियागा डेल कैम्पो ने बताया कि शहर और उसके बाहरी इलाकों में रात 10 बजे से सुबह 7 बजे के बीच कर्फ्यू लगाया जाएगा.
15 दिन के लिए घोषित आपातकाल के दौरान सड़कों पर पुलिस की मदद के लिए सेना तैनात की गई है. इस दौरान प्रशासन ने लोगों की गतिविधियों और उनके एकत्र होने के अधिकार को प्रतिबंधित कर दिया है.