पाकिस्तान में इमरान ख़ान सरकार के ख़िलाफ़ जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम की राजनीतिक शाखा अंसार उल इस्लाम का आज़ादी मार्च गुरुवार को इस्लामाबाद पहुंच रहा है.
जमीयत के नेता मौलाना फज़लुर्रहमान का बलूचिस्तान और ख़ैबर पख़्तूनख्वा में आधार है. उन्होंने इमरान ख़ान से इस्तीफ़े की मांग की है और दोबारा चुनाव कराए जाने की मांग की है.
मीयत-उल-इस्लाम पाकिस्तान (फ़ज़लुर्रहमान गुट) पाकिस्तान की एक विपक्षी पार्टी और पाकिस्तान के सबसे बड़े धार्मिक गुटों में से एक है.
आज़ादी मार्च का मक़सद प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की नीतियों का विरोध करना और उन्हें इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर करना है.
सरकार ने जेयूआई से अपील की थी कि वो आज़ादी मार्च नहीं निकालें. हालांकि सरकार की अपील का इस पर कोई असर नहीं पड़ा.
क्या हैं इनकी मांगें?
जमीयत के नेता मौलाना फ़जलुर्रहमान और दूसरी विपक्षी पार्टियां अपनी कई मांगों पर अड़ी हैं.
उन्होंने हुकूमत के सामने जो मांगें रखी हैं, उनमें से कुछ प्रमुख मांगें इस तरह हैं:
- प्रधानमंत्री इमरान ख़ान इस्तीफ़ा दें.
- नए सिरे से दोबारा आम चुनाव कराए जाएं
- पाकिस्तान में इस्लामिक क़ानूनों से छेड़छाड़ न की जाए.
- पाकिस्तान में इस्लामिक संस्थाओं का सम्मान किया जाए.