अगर आप ये लेख टॉयलेट में बैठे-बैठे पढ़ रहे हैं और इस चक्कर में आपको ज़्यादा वक़्त लग रहा है तो टॉयलेटसीट पर सही पोज़िशन में बैठ जाइए.
ये विषय पहली बार में हास्यास्पद लग सकता है लेकिन ये कोई छोटी बात नहीं है.
एक औसत व्यक्ति अपनी पूरी ज़िंदगी में छह महीने से ज़्यादा का वक़्त टॉयलेट में बिताता है और हर साल तक़रीबन 145 किलो मल त्याग करता है. इसका मतलब ये हुआ कि एक औसत व्यक्ति हर साल अपने शरीर के भार के दोगुना मल त्याग करता है.
उम्मीद है अब तक आपको ये समझ आ गया कि ये विषय हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है. आप जानते हैं कि टॉयलेट में बैठने का सही तरीक़ा क्या है.
ये बात तो तय है कि हममें से हर कोई टॉयलेट में ठीक से नहीं बैठता.
20वीं सदी के मध्य में यूरोपीय डॉक्टरों की एक टीम अफ़्रीका के ग्रामीण इलाक़ों में काम कर रही थी. डॉक्टर ये देख कर हैरान थे कि वहां के स्थानीय लोगों को पाचन और पेट से जुड़ी तकलीफ़ें न के बराबर थीं.