मोहम्मद बिन सलमान: सऊदी अरब के युवराज के सत्ता के शिखर तक पहुंचने की दास्तान

MBS के नाम से मशहूर, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान अपने बेहद रूढ़िवादी देश को बदल रहे हैं. उसे मॉर्डन और कुछ हद तक लिबरल दिखाने की कोशिश में लगे हैं. लेकिन, साथ ही साथ उन्होंने सऊदी अरब को यमन की जंग में भी फंसा दिया है.


उन्होंने महिला अधिकारों की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों, कई इस्लामिक धर्म गुरुओं और ब्लॉगर्स को क़ैद कर लिया है. सलमान पर इस बात का भी गहरा संदेह है कि साल भर पहले तुर्की के इस्तांबुल में सऊदी अरब के हुक्मरानों के आलोचक जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या उनके इशारे पर हुई थी.


ऊदी अरब के शहर जेद्दा में लाल सागर के ऊपर तेज़ सूरज चमक रहा था. हमारी गाड़ी राजमहल के दरवाज़े पर पहुंची, तो वहां खड़े सुरक्षाकर्मी किनारे हो गए और हमारी कार गेट के अंदर चली गई. हम सऊदी अरब के वली अहद यानी युवराज प्रिंस सलमान बिन अब्दुल्लाज़ीज़ से मिलने जा रहे थे. प्रिंस अब्दुल्लाज़ीज, देश के रक्षा मंत्री भी थे. ये बात सितंबर 2013 की है.



कई साल पहले, 2004 में प्रिंस सलमान अब्दुल्लाज़ीज़ जब सऊदी अरब की राजधानी रियाद के गवर्नर थे तब हथियारबंद लोगों ने हमारी बीबीसी की टीम पर गोलियों की बरसात कर दी थी. हमलावरों ने आयरलैंड के रहने वाले मेरे कैमरामैन साइमन कम्बर्स को मार डाल था और मुझे मरा समझ कर छोड़ गए थे.


बताया जाता है कि तब प्रिंस सलमान अब्दुल्लाज़ीज़ मुझसे मिलने अस्पताल भी आए थे. लेकिन मुझे उसकी कोई याद नहीं क्योंकि, तब मुझे छह गोलियां लगी थीं. और डॉक्टरों ने मुझे दवा देकर कोमा में रखा हुआ था. आज वो प्रिंस सलमान बिन अब्दुल्लाज़ीज़, सऊदी अरब के बादशाह हैं. उनकी सेहत ठीक नहीं है.


उस वक़्त यानी 2013 में भी मैंने ग़ौर किया था कि जब हम महल के शानदार मेहमानख़ाने में सजी-धजी कुर्सियों पर बैठे बात कर रहे थे, तो उन्होंने अपना हाथ टहलने वाली छड़ी पर टिकाया हुआ था.


प्रिंस सलमान धीरे-धीरे अंग्रेज़ी बोल रहे थे. वो अपनी गहरी आवाज़ में मुझे बता रहे थे कि उन्हें लंदन किस क़दर पसंद था. बोलते वक़्त प्रिंस सलमान अब्दुल्लाज़ीज़ का लंबा चेहरा अक्सर मुस्कुराहट से भर उठता था.


आज वो सऊदी अरब के बादशाह हैं. उन्होंने अपने जीवन में बहुत से बदलाव देखे हैं. वो पहले सऊदी अरब की राजधानी रियाद के पांच दशक तक गवर्नर रहे थे. एक दौर में रियाद दो लाख बाशिंदों वाला एक धूल भरा शहर था. लेकिन प्रिंस सलमान अब्दुल्लाज़ीज़ की निगरानी में आज रियाद आधुनिक और चमक-दमक से भरपूर शहर बन चुका है, जहां क़रीब 50 लाख लोग रहते हैं.


प्रिंस सलमान बिन अब्दुल्लाज़ीज़ से इस शाही मुलाक़ात के दौरान मुझे बिल्कुल भी ये एहसास नहीं हुआ कि कोई शख़्स मेरे पीछे बैठा हुआ, हमारी बातचीत को नोट कर रहा है. मेरा ये आकलन ग़लत था कि वो प्रिंस अब्दुल्लाज़ीज़ का निजी सचिव या फिर कोई अधिकारी होगा.


मैंने देखा कि वो एक लंबा और मज़बूत कद-काठी वाला इंसान था. जिसकी दाढ़ी करीने से कटी हुई थी. वो सऊदी अरब का पारंपरिक लिबास बिश्ट यानी चोगा पहने हुए था, जिस पर सोने की कशीदाकारी से साफ़ था कि वो किसी ऊंचे दर्ज़े से ताल्लुक़ रखता था. प्रिंस सलमान बिन अब्दुल्लाज़ीज़ से मुलाक़ात के बाद मैंने उस शख़्स को अपना तार्रुफ़ दिया.