स्टैंड-अप कॉमेडियन को कई बार मुश्किल दर्शकों का सामना करना पड़ता है.
यदि आपको कभी किसी भीड़ के सामने बोलना पड़ा हो तो आपने शायद कोई ग़लत बात कहने या श्रोताओं के आपकी बात नहीं समझने का डर महसूस किया होगा.
स्टैंड-अप कॉमेडियन लेन मूर से हमने पूछा कि श्रोताओं की सबसे बुरी प्रतिक्रिया के लिए क्या तैयारी की जा सकती है.
मूर इस बात को अन्य लोगों से ज़्यादा अच्छी तरह जानती हैं कि ऐसे दर्शकों के बीच जाने के क्या मायने होते हैं, जहां इस बात की बहुत अधिक संभावना हो कि वे आपकी बातों को पसंद न करते हों.
मूर का कहना है कि उनको मज़ेदार होने की अपनी क्षमता पर यकीन है, मगर उनको यह देखना होता है कि क्या अन्य लोग भी उनके विचार को सही और मज़ेदार मानते हैं.
लेन मूर के सबक
लेन मूर लेखिका, संगीतकार और कॉमेडियन हैं. उनका कहना है कि उनके 99 फीसदी शोज़ में वह श्रोताओं के सामने कुछ कहती हैं और वे वाह-वाह करते हैं.
लेकिन एक फ़ीसदी समय ऐसा भी होता है जब दर्शकों को उनकी चीज़ें अच्छी नहीं लगतीं.
हार मान लेना बहुत आसान है, लेकिन वही डटी रहती हैं.
उनको ऐसी स्थितियों का भी सामना करना पड़ा है जब लोग उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हों या उनको दूसरी चीज़ें ज़्यादा मज़ेदार लगती हों.
उन स्थितियों में मूर कोशिश करती हैं कि जितनी ज़ल्दी हो सके वह मंच से हट जाएं.
मूर ने वाशिंगटन में एक शो किया था. वह एक विशाल थिएटर था- बहुत बड़ा, बहुत सुंदर. लेकिन मंच पर पहुंचते ही मूर को ख़ुद पर शक होने लगा.
वह कहती हैं, "आप दर्शकों को स्कैन करते हैं यह देखने के लिए क्या वहां कोई सचमुच आपको देखकर उत्साहित है."