RCEP: चीन की 'डंपिंग' से क्यों चिंतित है गुजरात का कपड़ा उद्योग?

चीन और अन्य देशों को अपने कपड़ा उत्पादों को भारत को निर्यात करने वाले समझौते से भारतीय वस्त्र उद्योग और ख़ास कर गुजरात की टेक्सटाइल इंडस्ट्री बेहद चिंतित हैं.


सूरत के कपड़ा उद्योग के कई लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर इस क़दम का विरोध किया है.



दरअसल भारत रीज़नल कॉम्प्रिहेंसिव इकॉनोमिक पार्टनरशिप यानी आरसीईपी के तहत मुक्त व्यापार को लेकर चीन समेत 15 देशों के साथ एक समझौता करने जा रहा है.


यह उद्योग पहले ही आर्थिक सुस्ती का सामना कर रहा है और अगर भारत आरसीईपी के तय मानदंडों के अनुसार इस पर अपने हस्ताक्षर कर देता है तो इससे गुजरात के कपड़ा उद्योग को वाकई परेशानी होगी.


इस मुद्दे पर देश भर से कपड़ा उद्योग के दिग्गजों के केंद्रीय मंत्री से मुलाक़ात करने की उम्मीद है.


उल्लेखनीय है कि कपड़ा उद्योग देशभर में 4.5 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष रोज़गार मुहैया करता है जबकि अप्रत्यक्ष रूप से क़रीब 6 करोड़ लोगों की आजीविका इस पर निर्भर है.


देश भर में इससे 21 फ़ीसदी लोगों को रोज़गार प्राप्त है वहीं देश की जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी भी लगभग 2% है.


लाखों लोगों को रोज़गार मुहैया कराने वाला यह सेक्टर पहले ही आर्थिक सुस्ती की चपेट में है.