शर्मीलेपन का इलाज


शर्मीले स्वभाव का इलाज सीबीटी नाम की थेरेपी से किया जा सकता है. इस थेरेपी में लोगों के उस डर को दूर किया जाता है, जिसमें वो दूसरों से घुलने-मिलने में घबराते हैं. वो लोगों से नज़रें मिलाने से कतराते हैं.


कुछ ऐसे इंसान भी होते हैं जो बहुत लोगों की भीड़ में बोल नहीं पाते. असल में वो अपने लिए ऐसे पैमाने तय करते हैं, जो पहुंच से दूर होते हैं. किसी भी कांफ्रेंस में मौजूद सभी व्यक्ति एक जैसी गंभीरता से किसी को नहीं सुनते. मगर, शर्मीले लोग ऐसी उम्मीद पाल लेते हैं. फिर अपनी ही उम्मीद पर खरा नहीं उतरते तो घबराने लगते हैं. ऐसे लोग अपने ऊपर ध्यान देने के बजाय अगर सुनने वालों पर फ़ोकस करें, तो उन्हें इस मुश्किल से पार पाने में आसानी होगी.


फिर, अगर मेल-जोल में घबराहट के डर से बाहर निकलना है, तो इसका सबसे अच्छा इलाज मिलना-जुलना ही है. जिन बातों से डर लगता है उनका सामना कर के ही उस डर को दूर किया जा सकता है.


कैलिफ़ोर्निया डेविस यूनिवर्सिटी की रिसर्चर जेसी सन कहती है कि शर्मीलापन और अंतर्मुखी होना, दोनों अलग बाते हैं. बहुत से लोग ये सोचते हैं कि अंतर्मुखी लोग मन में सोच-विचार करते रहते हैं. पर, ऐसा नहीं है. ये खुलेपन के मिज़ाज से बिल्कुल अलग बात है. जो लोग बातूनी होते हैं, वो भी कई बार घुलने-मिलने में परेशानी महसूस करते हैं. वो बस अपने जैसे लोगों के साथ रहना चाहते हैं.