2016 में स्थानांतरित शिक्षकों को बड़ी राहत


उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार के वक्त स्थानांतरित किए गए शिक्षकों को बड़ी राहत मिल गई है। सरकार ने इन्हें यथावत रखने का निर्णय लिया है। अलबत्ता, इन्हें सेवाकाल में एक बार ही संवर्ग परिवर्तन की छूट रहेगी। वहीं, बीमार और दिव्यांग कर्मचारी-शिक्षकों को भी राहत देने का निर्णय लिया गया। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में कुछ समय पहले हुई बैठक का कार्यवृत्त कार्मिक विभाग ने शुक्रवार को जारी कर दिया। तबादला कानून की धारा-27 में छूट के लिए गठित कमेटी की संस्तुति पर यह फैसला लिया गया। कांग्रेस सरकार के वक्त नवंबर, 2016 को 586 माध्यमिक और बेसिक शिक्षकों के तबादले किए गए थे। इनमें से 253 शिक्षकों को पहले ही राहत दी जा चुकी थी। अब मुख्य सचिव समिति ने बाकी शिक्षकों को भी यथावत रखने का निर्णय ले लिया है। यहां बता दें कि मूलस्थानों पर वापस भेजे जाने पर बड़ी संख्या में शिक्षक कोर्ट चले गए थे। अब सरकार ने इन्हें यथावत रखते हुए पूरे सेवाकाल में सिर्फ एक बार ही संवर्ग परिवर्तन की छूट दे दी है।


चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे: मुख्य सचिव समिति ने शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले इस सत्र में भी नहीं किए जाने पर सहमति दे दी है। समिति ने माना कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अल्पवेतनभोगी हैं, इसलिए उन्हें स्थानांतरण अधिनियम से मुक्त रखा जाएगा। सीमांत जिलों में बने रहेंगे शिक्षक: सीमांत जिलों में प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों को फिलहाल मूल स्कूलों में ही बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। इन्हें कार्यमुक्त तब किया जाएगा, जब इनके स्थान पर प्रतिस्थानी की व्यवस्था हो जाए। 


असंगत विषयों पर तैनात शिक्षकों के तबादले होंगे
कुमाऊं में माध्यमिक शिक्षा के 87 और गढ़वाल मंडल के 35 सहायक अध्यापकों के साथ 61 ऐसे प्रवक्ता, जिनके विषयों में छात्रों की संख्या शून्य है या जो असंगत विषयों में तैनात हैं, उन्हें दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा। जीजीआईसी कीमपुरतुर्रा (भगवानपुर) की प्रधानाचार्य अरुणा बलूनी को बुग्गावाला में समायोजन की हरी झंडी दे दी गई है।


 


राज्य के पांच महकमों के कार्मिकों को भी रियायत
मुख्य सचिव समिति ने पांच विभागों के कार्मिकों को धारा-27 के तहत छूट देने की संस्तुति कर दी है। इनमें उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, कौशल विकास एवं सेवायोजन, पंचायतीराज और पशुपालन विभाग शामिल हैं। कौशल विकास में कैंसर से पीड़ित और पशुपालन में सहायक निदेशक के 13 पदों के सापेक्ष एक ही जगह लंबे समय से तैनात तीन सहायक निदेशकों का सुगम से दुर्गम और तीन का दुर्गम से सुगम तबादला करने के लिए दस फीसदी की निर्धारित सीमा में छूट दे दी है।



सुगम से दुर्गम तबादले में छह प्रवक्ताओं को छूट
प्रवक्ता संवर्ग में सुगम से दुर्गम में किए गए अनिवार्य तबादलों में छह प्रवक्ताओं को छूट दी गई है। इनमें विरेंद्र सिंह बिष्ट, हेमलता पोखरियाल, रेनू शाह, नीता जोशी, संजय जैन और बीरेंद्र सिंह शामिल हैं। प्रवक्ता संवर्ग में गंभीर बीमारी के आधार पर दो शिक्षकों आनंद मोहन राज और निधि रावत के तबादले को मंजूरी दे दी गई है। इसी तरह इस संवर्ग में विकलांग श्रेणी के शिक्षकों को भी राहत दी गई। सहायक अध्यापक संवर्ग में भी सुगम से दुर्गम में चार और गंभीर बीमारी वाले दस शिक्षकों को छूट दी गई है।