अदालत में हत्या: शाहनवाज को मारने के बाद बोला साहिल-'पिता की हत्या का ले लिया बदला'

कोर्ट परिसर में शाहनवाज की हत्या के बाद दबोचे गए साहिल ने पुलिस को बताया कि अपने पिता हाजी अहसान की हत्या का बदला लेने के लिए उसने साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया। साहिल ने पुलिस को बताया कि उसके पिता हाजी अहसान की हत्या के बाद से ही वह बदले की आग में सुलग रहा था। उसने तभी से ठान लिया था कि पिता की हत्या का बदला जरूर लेना है। 


इसके लिए मौके का इंतजार कर रहा था। साहिल ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके साथ पकड़ा गया सुमित व अफराज उसके दोस्त हैं। उन दोस्तों के साथ ही उन्होंने शाहनवाज की हत्या की है। वारदात को अंजाम देने में किन लोगों ने मदद की, इस बारे में साहिल ने कुछ नहीं बताया। साहिल के अलावा पुलिस ने सुमित व अफराज से भी अलग से पूछताछ की।


तीनों एक दूसरे को अपना दोस्त बता रहे हैं। पुलिस तीनों से गहराई से पूछताछ करने में जुटी है। पुलिस तीनों से यह भी पता लगाने में जुटी है कि कोर्ट परिसर में उनके पास पिस्टल कहां से आए और कौन लोग उनके साथ थे। कब से वे हत्या की योजना बना रहे थे।


सूत्रों के मुताबिक तीनों अभी हत्याकांड के बारे में खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं। तीनों को हत्या के बारे में पहले से ही पक्का कर दिया गया है कि उन्हें मुंह नहीं खोलना है। तीनों एक ही सुर में बात कर रहे हैं। अलग से कुछ नहीं बता रहे हैं। साहिल बस इतना ही कहता है कि उसने अपने पिता की हत्या का बदला ले लिया।


बिजनौर के जजी में सीजेएम अदालत में बसपा नेता और प्रॉपर्टी डीलर हाजी अहसान की हत्या के आरोपी शाहनवाज और जब्बार को पेशी पर लाया गया था।  आरोपियों की कोर्ट में पेशी चल रही थी कि अचानक कोर्ट अंधाधुंध गोलियों से दहल उठा। हर तरफ अफरा-तफरी मच गई।

मुख्यआरोपी शाहनवाज की मौत हो गई वहीं आरोपी जब्बार चकमा देकर फरार हो गया। वहीं हमले को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 


इसी साल 28 मई को प्रॉपर्टी डीलर हाजी अहसान व उनके भांजे शादाब की नजीबाबाद में शॉपिंग कांप्लेक्स के कार्यालय में गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों शाहनवाज, दानिश व जब्बार पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया था। इनमें दानिश को मुंबई और जब्बार व शाहनवाज को दिल्ली से दबोचा गया था।  

 शाहनवाज और जब्बार की जजी में सीजेएम कोर्ट में पेशी थी। पुलिस इन्हें लेकर यहां पहुंची थी। कोर्ट में पहले से मौजूद शार्प शूटरों ने पेशी के दौरान ही दोनों आरोपियों पर हमला बोल दिया। इस दौरान कोर्ट परिसर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। यहां तक कि जज को भी भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। उधर वकीलों और पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। 


मौके पर मुस्तैदी दिखाते हुए वकीलों और पुलिसकर्मियों ने हमलावरों को कोर्ट परिसर में ही घेरकर दबोच लिया और एक कमरे में बंद कर दिया। वहीं इसी बीच पेशी पर आए शाहनवाज की मौत हो गई जबकि आरोपी जब्बार मौका पाकर फरार हो गया। इस हमले में पुलिसकर्मी मनीष व उसके साथी को भी गोली लगी है। 

एसएसपी बिजनौर के अनुसार कोर्ट के भीतर इस सनसनीखेज हमले को अंजाम देने वाला मृतक बसपा नेता और प्रॉपर्टी डीलर हाजी अहसान का बेटा और उसके दो साथी हैं जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं पुलिस ने मृतक आरोपी शाहनवाज के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


ऐसे बनाया गया था बसपा नेता की हत्या का प्लान
शूटर दानिश ने पुलिस को बताया कि एक दिन वह शाहनवाज के घर गया था। घर पर उसकी पत्नी व भाई शाह आलम भी था। तभी जब्बार, मुकीम और इकरार भी वहां आ गए। शाहनवाज ने कहा कि जिस तरह उन्होंने इमरान की हत्या करने के बाद उसकी मुर्गी फार्म की जमीन पर कब्जा कर लिया है साथ ही प्रॉपर्टी डीलर आसिफ व खुर्शीद के जमीन प्लॉट काटकर बेचे हैं और काफी पैसे कमाए हैं। इसी तरह अगर वे भी अहसान की हत्या कर दें तो उसका वर्चस्व और बढ़ेगा। नजीबाबाद की जितनी विवादित जमीन होंगी वह उन्हें सस्ते दामों पर मिल जाएगी। 

उनका इरादा था कि रंगदारी से वे काफी रुपया इकट्ठा कर लेंगे। इससे उनकी पैसे की जरूरत पूरी हो जाएगी। शाहनवाज विधायक का चुनाव लड़ने की योजना बना रहा था। लेकिन हाजी अहसान उनके कई मामलों में अड़ंगा बना रहा था। एक जमीन के मामले में उन्होंने हाजी अहसान से अलग हटने को कहा था लेकिन वह नहीं माना। इससे आसिफ को काफी नुकसान हुआ था। तब शाहनवाज ने आसिफ व खुर्शीद से हाजी अहसान की हत्या की बात कही थी।