पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते कुआलालंपुर समिट, जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ की सज़ा, और भारत प्रशासित कश्मीर और भारत में सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में रहीं.
सबसे पहले बात भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और एनआरसी के ख़िलाफ़ हो रहे देश-व्यापी विरोध प्रदर्शनों की.
भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हुए हैं और उत्तर प्रदेश में अब तक कम से कम 15 लोग पुलिस की गोली से मारे जा चुके हैं. मंगलुरु में भी दो लोगों की मौत हो चुकी है. पाकिस्तानी मीडिया में इस ख़बर के बारे में ख़ूब चर्चा हो रही है.
''विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ भारत में भारी विरोध प्रदर्शन, पुलिस फ़ायरिंग में छह की मौत.''
जानी मानी लेखिका अरुंधति रॉय ने भी दिल्ली के जंतर मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. अख़बार के अनुसार अरुणधति ने कहा कि मोदी सरकार पूरे भारत को कश्मीर बनाने की कोशिश कर रही है.
अख़बार जंग ने लिखा है कि 'नागिरकता क़ानून के ख़िलाफ़ लाखों भारतीय सड़कों पर उतर गए हैं'. अख़बार दुनिया ने लिखा है कि 'भारत में प्रदर्शनकारियों का समंदर.'