कोरोना से पूरी दुनिया दहशत में है। यह वायरस मानव जीवन पर खतरा बनकर आया है। अपने-अपने स्तर से तमाम देशों के वैज्ञानिक शोध में जुटे हुए हैं, लेकिन यह दावा करने की स्थिति में कोई नहीं है कि यह कब तक रहेगा और कैसे जाएगा। बेहतर यही है कि एहतियात बरतें। सावधानी ही हमें बचा सकती है।
हम मेरठ वालों को तो इसलिए भी गंभीर हो जाना चाहिए, क्योंकि दिल्ली और नोएडा हमारे पड़ोस में हैं। वहां कई केस मिल चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन औसतन 25 हजार लोग मेरठ से दिल्ली आते-जाते हैं। इनमें कौन किसके संपर्क में आया होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। दुनियाभर में कोरोना के फैलने का जो आंकड़ा सामने आ रहा है, उसके मुताबिक पहला मामला सामने आने के बाद चार हफ्ते तक सौ के अंदर ही मरीज मिले। इसके बाद मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी। हमारे लिए भी अगले कुछ हफ्ते बहुत नाजुक हैं।
जरूरी न हो तो घर पर ही रहें
कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने कई एहितियाती कदम उठाए हैं। लगातार एडवाइजरी जारी कर बताया जा रहा है कि एकत्रित न हों। इसीलिए जहां-जहां संभव हो सका है अवकाश घोषित कर दिया गया। सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क टू होम की व्यवस्था की गई है। यह इसीलिए कि कोरोना को फैलने से रोका जा सके। बेहतर होगा कि आप भी अपने घर पर रहें। इन छुट्टियों को पिकनिक की तरह इंज्वाय मत करिए। यहां तक की पार्क में घूमने-फिरने और कहीं भी सामुदायिक रूप से एकत्रित होने से बचिए।
कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आयोजन भी हो रहे हैं। हम किसी के आस्था और विश्वास पर सवाल नहीं कर रहे हैं। बल्कि आपको चेता रहे हैं। कोई बैठक और आयोजन व्यक्तिगत रूप से हो सके तो कर लें, भीड़ न जुटाएं। लोगों से कम से कम छह फीट की दूरी बनाकर रखें। खुद भी सुरक्षित रहें और इस शहर को भी बचाएं। जिन कार्यों को टाला जा सकता हो, उसे टाल दीजिए। क्योंकि पहले इंसान का बचना जरूरी है। अगर भीड़ एकत्र कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं, समझिए आप खुद के पैर पर भी कुल्हाड़ी मार रहे हैं।