चंडीगढ़. कोरोनावायरस की लड़ाई में दिन-रात अस्पतालों में सेवाएं दे रही हरियाणा की नर्सों ने दोगुनी सैलरी लेने से मना कर दिया है। यह फैसला हरियाणा नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने लिया है। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते हरियाणा सरकार ने सभी डॉक्टर व स्टाफ नर्स की सैलरी दोगुनी करने का ऐलान किया था।
स्वास्थ्य विभाग की 2800 नर्सों ने इस फैसले पर अपनी सहमति के साथ दोगुनी सैलरी से मना कर दिया है। खास बात यह है कि नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा ने इस लड़ाई में एक कदम आगे चलते हुए अपनी एक दिन की सैलरी भी कोरोना राहत कोष में दान देने का निर्णय कर लिया है। यानि सीधे तौर पर प्रदेश की नर्सें 75 लाख से अधिक सैलरी स्वरूप दान कोरोना राहत कोष में अदा करेंगी।
कोरोना की लड़ाई में नर्सों का सबसे अहम योगदान
एसोसिएशन की प्रदेशाध्यक्ष सुनीता देवी, महासचिव विनीता कुमारी, ज्वाइंट सेक्रेटरी सुदेश चौधरी व उप प्रधान संतोष मलिक ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ सरकार के दोगुनी सैलरी देने के निर्णय का स्वागत करती है। महामारी के इस दौर में सरकार वित्तीय संकट में है। कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए एसोसिएशन दोगुनी सैलरी लेने से इनकार करती है। मगर संकट की इस घड़ी में वह हर समय देश व प्रदेश के साथ खड़ी हैं। एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को इस पैसे से आईसीयू में सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए।