कोरोना के 80 फीसदी मामलों में वायरस का मामूली असर, एक कदम आगे चल रहा देश

  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 20 फीसदी मरीजों को ही जाना पड़ रहा अस्पताल, देश हर हालात से लड़ने के लिए तैयार

  • संयुक्त सचिव ने कहा, 601 कोविड अस्पतालों में एक लाख से ज्यादा बिस्तर, सिर्फ 1,671 के ही दाखिले की जरूरत

  • 8,447 हुए कोरोना संक्रमित, 273 की गई जान, 764 को मिली अस्पतालों से छुट्टी


  • विस्तार


    देश में कोरोना के 80 फीसदी से ज्यादा मरीज ऐसे हैं जिनमें अभी वायरस के संक्रमण का मामूली असर देखने को मिल रहा है। तकरीबन 20 फीसदी (1689) मरीजों को ही अस्पताल में दाखिले की जरूरत महसूस हो रही है, जबकि देश में 601 कोविड अस्पतालों में 1.05 लाख बेड उपलब्ध हैं। हालांकि, पर्याप्त इंतजाम होने के कारण अभी सभी मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
     

    स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। हम तैयारियों के मामले में इस खतरनाक वायरस से एक कदम आगे चल रहे हैं। आप सभी इसमें सहयोग करें। देश हर स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है। इस लड़ाई में सरकार और निजी क्षेत्र भी शामिल हैं। मगर, सबसे अहम है आम लोगों का सहयोग। यह बेहद जरूरी है कि हम सामाजिक दूरी का पालन करें।

    इस बीच, देश में रविवार तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 8,447 पहुंच गई। इनमें से 764 को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि 273 ने जान गंवा दी है। लव अग्रवाल ने बताया कि 29 मार्च को 979 पॉजिटिव केस थे। आज 8,000 से ज्यादा केस हैं। इसमें से करीब 20 प्रतिशत मामलों में ही आईसीयू सपोर्ट की जरूरत है। इन्हें आइसोलेशन में डॉक्टरों की निगरानी में रखकर भी काम चलाया जा सकता है।

    संयुक्त सचिव ने राज्य व केंद्रशासित राज्यों की स्थिति पर तैयार रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, अगर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि होती है तो सरकार उसके लिए पूरी तरह तैयार है। 29 मार्च को 163 अस्पताल में 41,900 बिस्तर थे। 4 अप्रैल को 67,000 बेड थे। 9 अप्रैल को 1,000 बेड की जरूरत थी तो 85 हजार बिस्तर उपलब्ध थे। आज हमारे पास एक लाख से ज्यादा बेड उपलब्ध हैं।

    24 घंटे में 34 मौतें, 909 केस
    स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शनिवार सुबह से रविवार सुबह तक 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमित 909 मामले सामने आए, जबकि इसी दौरान 34 मरीजों की जान चली गई। इस वक्त तक देश में कुल मामले 8,356 ही हुए थे। वहीं, इस दौरान तक 716 मरीज ठीक होकर घर जा चुके थे।



  • 1.86 लाख जांच, 4.3 फीसदी ही संक्रमित, 40 टीकों पर चल रहा काम



    वहीं, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने बताया देश में 129 जांच सुविधा केंद्र है। रविवार दोपहर 1,86,906 नमूने जांचे गए, जिनमें से टेस्ट किए गए जिनमें से 7,953 यानी 4.3 प्रतिशत पॉजिटिव केस मिले।

    पिछले पांच दिनों में औसत रूप से 16 हजार से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं जिसमें से औसतन 584 पॉजिटिव केस मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक 40 से ज्यादा टीकों के विकास पर काम चल रहा है, मगर अभी तक इनमें से कोई भी अगले चरण तक नहीं पहुंच पाया।

    एम्स और निमहंस समेत 14 संस्थान बने मेडिकल कॉलेजों के संरक्षक
    देशभर में सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में कोविड-19 परीक्षण की क्षमता का विस्तार करने के लिए तत्काल आधार पर काम जारी है। कोरोना वायरस परीक्षण क्षमता का विस्तार करने के लिए एम्स, निमहंस सहित 14 संस्थानों को मेडिकल कॉलेजों के संरक्षक के तौर पर तैयार किया गया है।

    ये मेडिकल कॉलेजों को कोरोना जांच में सहयोग करेंगे। कोरोना वायरस का इलाज करने वाले कोविड अस्पतालों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संक्रमण नियंत्रण से लेकर वेंटिलेटर प्रबंधन तक के बारे में दिल्ली एम्स के डॉक्टर ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं।


    जैसा असर, वैसा अस्पताल



    स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना वायरस का असर मरीजों में तीन तरह से देखने को मिल रहा है। माइल्ड, मॉडेरेट और क्रिटिकल। इन तीनों ही तरह के मरीजों के लिए अलग अलग तरह के अस्पतालों की व्यवस्था है। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना का असर हल्का है तो उसे कोविड केयर सेंटर में रखा जा रहा है।

    किसी में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं लेकिन उसकी तबीयत काबू में है तो उसे कोविड हेल्थ सेंटर में रखा जा रहा है। गंभीर मरीजों के लिए कोविड अस्पताल हैं। इन तीनों के लिए एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है जिससे मरीज के मौजूदा लक्षणों में बदलाव होने पर उसे संबंधित अस्पताल या सेंटर भेजा जा सके।