लॉकडाउन में आप ही नहीं, इन पुलिसवालों के परिवार भी फंसे हैं, जानिए कैसे निभा रहे अपना फर्ज

गोरखपुर;-कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में लाखों परिवार के लोग दूर-दराज राज्यों में फंसे हुए हैं। इससे परिवार के लोग बहुत तनाव में हैं। ये कहानी बस आम लोगों की ही नहीं है। इस परिस्थिति में पुलिसवाले भी फंसे हैं। ये अपने फर्ज के आगे परिवार को छोड़ दिया है। दिन अगर एक बार बात कर ली तो वहीं बहुत है। आइए हम आपको ऐसे कोरोना योद्धा से मिलावते हैं।


गोरखपुर के बड़हलगंज इंस्पेक्टर रामाज्ञा सिंह कोरोना व लॉकडाउन होने के कारण इन दिनों जिम्मेदारियों का बोझ थोड़ा ज्यादा है। बड़ा बेटा अभिषेक सिंह बैंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और पत्नी सीमा के साथ वहीं हैं, छोटा बेटा अभिनव मां के साथ प्रयागराज में तैयारी करता है।

लॉकडाउन की वजह से प्रयागराज नहीं जा सकें। बस मोबाइल पर ही कुछ देर बातचीत करके हालचाल जान लेते हैं। रामाज्ञा सिंह बताते हैं कि कोशिश यही है कि परिवार के साथ क्षेत्र समाज के लोग सुरक्षित रहे। इस वजह से रोजाना ही सड़कों पर लोगों को जागरूक किया जाता है। हम सब एक योद्धा की तरह लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन भी कर रहे हैं।


रिवार जौनपुर में, फोन से ही चंद मिनट की बात
सीओ क्राइम प्रवीण सिंह कोरोना के नोडल अफसर भी हैं। जाहिर है, इन दिनों जिम्मेदारियों का बोझ थोड़ा ज्यादा है। पत्नी रुचि सिंह और बेटा विनायक जौनपुर में है। लॉकडाउन की वजह से गोरखपुर नहीं आ पाए। खुद फुर्सत नहीं कि जाकर ला भी सकें। बस, मोबाइल पर कुछ देर की बातचीत करके कुशलक्षेम जान लेते हैं।


बेटे के पास जाने से डरता हूं, समझिए क्वारंटीन ही हूं
पीआरवी में तैनात सिपाही यशपाल यादव दिन भर सड़क पर रहते हैं। न जाने कितनों के संपर्क में आते हैं। यशपात बताते हैं कि पत्नी पूजा देवी और छह साल का बेटा देवांश और चार साल का बेटा दिव्यांश रामजानकी नगर में किराए के मकान में ही है। देर सबेर घर भी चला जाता हूं। मगर परिवार वालों के पास जाने में डर लगता है।


मां के श्राद्ध में घर भी नहीं गए, दान कर दी श्रद्धांजलि
रामगढ़ताल इंस्पेक्टर राणा देवेंद्र प्रताप सिंह की माता का सोमवार को श्राद्ध था। ड्यूटी छोड़ जाना पाना संभव नहीं था। बोले, मां यही कहती थी कि तुम्हारी नौकरी तो ऐसी है कि बहुत से लोगों की मदद कर सकते हो, वही याद आया। घर ना जाने का मलाल नहीं। यहीं उन लोगों को दान किया जिन्हें इस समय वास्तव में इसकी जरूरत है।