उत्तराखण्ड कैबिनेट ने कोरोना संक्रमण के दौर में लिए यह आवश्यक निर्णय

देहरादून। आज बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड सरकार की महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक हुई।


कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पूरे प्रदेश में लॉक डाउन है। ऐसे महामारी के समय मे कैबिनेट में 8 बिंदुओं पर हुई चर्चा-


 


1 – उत्तराखंड अधीनस्त सेवा चयन आयोग में ऑनलाइन परीक्षा कराने का विषय,
– टेंडर लिए जाएंगे, सीएम अंतिम निर्णय लेंगे,
– ऑनलाइन परीक्षा को मिली मंजूरी,


2- तीन मेडिकल कॉलेज में 100 – 100 MBBS की सीट होंगी,
– तीनो कॉलेज में 5 – 5 पदों का सृजन होगा,
– रुद्रपुर, हरिद्वार ओर पिथोरागढ़ में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली,


3- त्यूणी पलासु जलविद्युत परियोजना को जल विद्युत निगम करेगा,
-आराकोट त्यूणी को भी जल विद्युत निगम करेगा
– 800 करोड़ की परियोजना होगी,


4- स्वास्थ्य विभाग में 100 पदों पर पुनः भर्ती प्रक्रिया होगी ,
– ये 100 पद सेवा निवृत डॉक्टर्स के लिए थे,
– सिर्फ 3 ने अप्लाई किये थे, इसलिए वापस ये पद को विभाग दिए ,
– 80 पद डेंटल सर्विस को दिए,


5- आयुर्वेदिक की दवा ख़रीदेंगे
होम्योपैथिक (आर्सेनियम एल 30)
– 2 करोड़ 48 लाख रुपये सरकार ने दिए दवा खरीदने के लिए,


6- कोविड 19 के चलते खरीब फसल के बीज पर सब्सिडी में अतिरिक्त 25 प्रतिशत मिलेगा,
– पहले जी मिलती तजि सब्सिडी, उसने 25 प्रतिशत ओर सब्सिडी मिलेगी,


7- उपनिबंधक कार्यालय में सभी तरह से पैसे जमा कराने को मिली कैबिनेट की मंजूरी,


8- टेली मेडिसन सेवा का दो प्रकार से प्रारूप तैयार हुआ है,
– संजीवनी के नाम से तैयार हुआ,
– सॉफ्टवेयर तैयार हुआ सीएम ने अनावरण किया,
– दून मेडिकल कॉलेज में ई-ओपीडी का शुभारंभ हुआ,
– ई-कनेक्टर ओपीडी की सेवा सुरु,


9- श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी कोविड 19 के टेस्ट सुरु होंगे 30 अप्रैल से,


10 – राज्य में 16 हॉस्पिटल कोविड 19 के लिए अधिकृत किये गये,
– कोविड 19 हॉस्पिटल में 3944 बेड आइसोलेसन है, 19219 कोरेंटाइन बेड है,
– 5755 होम कोरेन्टीन बेड का उपयोग किया जा रहा है ।


11- कंट्रोल रूम में अभी तक राज्य में 6700 कॉल प्राप्त हुई ,
– 24 राज्यो से 3675 कॉल प्राप्त हुई,


वहीं लॉक डाउन में बच्चों की स्कूल फीस माफ करने के विषय में कैबिनेट बैठक ने अभिभावकोंको पूर्णतः निराश किया। जबकि उत्तराखण्ड की जनता कैबिनेट बैठक से कोई निर्णय निकलने की आस लगाए बैठी थी। जबकि सोशल मीडिया पर भी लोगों ने “पढ़ाई नहीं तो फीस नहीं” की मुहिम छेड़ी हुई है।