कोविड-19 महामारी के मद्देनजर प्रदेश सरकार भी केंद्र की तरह अपने कर्मियों का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता व पेंशनरों के महंगाई राहत रोकने का एलान कर सकती है।
ऐसा हुआ तो प्रदेश के 16 लाख से अधिक कर्मचारियों व 11.82 लाख पेंशनरों को झटका लगेगा। जानकार बताते हैं कि प्रदेश सरकार केंद्र के फैसले पर हर संभव अमल का प्रयास करती है।
विधायकों व मंत्रियों के वेतन भत्ते व विधायक निधि में कटौती व स्थगन से लेकर सरकारी दफ्तरों को खोलने से जुड़े सभी निर्णय इसकी बानगी हैं।
ऐसे में आर्थिक तंगी का सामना कर रही सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत पर फैसला भी जल्दी ही ले सकती है। यदि डेढ़ वर्ष का डीए व डीआर रोका जाता है तो 9 से 10 हजार करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।