लॉकडाउन के चलते हरिद्वार में फंसी यूपी के लखीमपुर खीरी की गर्भवती की मदद के लिए समाजसेवी संस्था सामने आई है। दरिद्र नारायण वंदना ट्रस्ट और एचआरडीए के एक कर्मचारी ने गर्भवती महिला समेत 11 लोगों को भेजने के लिए वाहन की व्यवस्था की है। प्रशासन की ओर से वाहन पास जारी किया गया है।
यूपी के लखीमपुर खीरी के श्रमिक परिवारों के 11 सदस्य भल्ला कॉलेज मैदान में घर भेजे जाने का इंतजार कर रहे थे। इसमें से एक महिला आरती देवी पत्नी सतवीर सिंह सात माह की गर्भवती हैं। श्रमिक परिवार रावली महदूद में रह रहे थे। श्रमिक परिवारों को सूचना मिली कि लक्सर से श्रमिकों को घर भेजे जाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके बाद श्रमिक परिवार रावली महदूद से पैदल ही लक्सर निकल गए। श्रमिक परिवार लक्सर पहुंचे ही थे कि एक अधिकारी ने उन्हें रोक लिया। अधिकारी ने श्रमिक परिवारों को अपने वाहन से भल्ला कॉलेज मैदान पहुंचाया। लेकिन दो दिन तक किसी ने भी गर्भवती महिला और श्रमिक परिवारों की सुध नहीं ली। इस बीच दरिद्र नारायण वंदना ट्रस्ट्र के पदाधिकारी को इसकी सूचना मिली। उन्होंने मामले की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच एचआरडीए के कर्मचारी दीपक सेमवाल ने टाउन हॉल प्रांगण में श्रमिक परिवारों के रहने की व्यवस्था की और भोजन भी मुहैया कराया। इसके बाद ट्रस्ट की पदाधिकारी वंदना गुप्ता व दीपक सेमवाल ने सहारनपुर प्रशासन से वार्ता की। सहारनपुर प्रशासन ने गर्भवती महिला और श्रमिक परिवारों को घर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रशासन से श्रमिक परिवारों को भेजने के लिए वाहन पास की मांग की। वाहन पास जारी होने के साथ परिवारों को वाहन भी मुहैया कराया।