हरिद्वार नगर निगम का खाजना खाली, स्थिति सुधारने को सौ बड़े बकायादारों के पास जाएगा निगम


लॉकडाउन के चलते नगर निगम आर्थिक संकट से जूझने लगा है। इस आर्थिक संकट को दूर करने के लिए नगर निगम सौ बड़े बकायादारों से वसूली के लिए अभियान चलाया जाएगा। नगर आयुक्त नरेंद्र भंडारी ने लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक संकट की स्थिति की समीक्षा की।


नगर निगम को बोर्ड फंड से प्रतिमाह खर्च की आवश्यकता होती है। जून में वेतन और पेंशन भुगतान की समस्या उत्पन्न होने जा रही है। उसको बोर्ड फंड से प्रतिमाह 220 संविदा कर्मचारियों के भुगतान के लिए 28 लाख रुपये, पेंशन भुगतान के लिए 12 लाख रुपये और लगभग 10 लाख रुपये अन्य खर्चों के लिए चाहिए होते हैं।
राजस्व वसूली नहीं होने से नगर निगम का खजाना खाली हो गया है। इस स्थिति की नगर आयुक्त ने कर एवं राजस्व अनुभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा की। संकट से उभरने के न्यूनतम 22 हजार से 4 लाख रुपये तक के सौ संपत्तिकर बकायादार की सूची बनाई गई है। नगर निगम अधिकारी इन सभी करदाताओं के पास जाकर संकट की घड़ी में नगर निगम का सहयोग करने का अनुरोध करेंगे।


लॉकडाउन में नगर निगम का रूटीन काम भी थमा रहा है। अब लॉकडाउन में शिथिलता प्रदान की गई है। नगर आयुक्त ने भवन एवं संपत्ति कर वसूली तथा बकाया की समीक्षा की। 100 बड़े बकायेदारों की सूची बनाई गई है। सहयोग मांगने के लिए नगर निगम उनके पास जाएगा। लॉकडाउन के चलते जो करदाता 31 मार्च तक अपना संपत्ति कर जमा नहीं कर पाए हैं उनके पास भी कर एवं राजस्व अनुभाग की टीम जाएगी और सहयोग की अपील करेंगे ताकि नगर निगम अपने नागरिक सेवाओं का संचालन बेहतर ढंग से कर सके।
- उत्तम सिंह नेगी सहायक नगर आयुक्त