पाकिस्तान ने ईरान से कहा है कि वो पाकिस्तानी सेना पर चरमपंथी हमले रोकने के लिए उचित कार्रवाई करे.
पाकिस्तान का आरोप है कि अलगाववादी बलूच लिबरेशन ऑर्मी चरमपंथी हमलों को अंजाम देने के लिए ईरान की ज़मीन का इस्तेमाल करती है.
इसी संबंध में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर बाजवा ने ईरानी सेना प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बक़ेरी से बात की और कहा कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते में परस्पर सम्मान और बराबरी के साथ ये भी चाहता है कि कोई दखलंदाज़ी न हो.
हाल के दिनों में ये दूसरा मामला है जब दोनों देशों के रिश्तों में किसी मुद्दे को लेकर खटास पैदा हुई है. पिछले दिनों पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि उसकी आपत्ति के बावजूद कोरोना के दौर में ईरान ने पाँच हज़ार लोगों को वापस पाकिस्तान भेज दिया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने पाकिस्तान में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के लिए ईरान को ज़िम्मेदार ठहराया था.
शुक्रवार को बलूचिस्तान में फ़्रंटियर कॉर्प्स के गश्ती दल पर हमला हुआ था, जिसमें छह सैनिक मारे गए थे. इस हमले की ज़िम्मेदारी बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली थी.
पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों सेना प्रमुखों ने सीमा पर सुरक्षा उपाय कड़े करने पर सहमति जताई.
पाकिस्तान के उलट ईरान का आरोप है कि पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल ईरानी चरमपंथी करते हैं. दोनों देशों के बीच ये आरोप-प्रत्यारोप लंबे समय से चला आ रहा है.
पाकिस्तान तो ईरान के साथ लगी 909 किलोमीटर की सीमा पर बाड़ लगाने का काम भी शुरू कर चुका है. पाकिस्तान की सरकार ने इसके लिए तीन अरब रुपए की धनराशि भी आवटित कर दी है.
आरोप प्रत्यारोप
पिछले साल फ़रवरी में जब ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर हमला हुआ था, तो ईरान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी. हमले में रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के 27 जवान मारे गए थे.
ईरान का आरोप था कि पाकिस्तान में पनाह लिए चरमपंथियों ने ये हमला किया था. लेकिन पिछले साल अप्रैल में जब बलूच में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला हुआ, तो पाकिस्तान ने इसके लिए ईरान में मौजूद बलूच अलगाववादियों को ज़िम्मेदार बताया.
इस हमले में 14 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. उसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ईरान का दौरा किया. इमरान ख़ान की यात्रा के पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ईरानी दूतावास को लिखे एक कड़े पत्र में कहा था कि हमलावर ईरान से आए थे.
अपनी ईरान यात्रा में इमरान ख़ान ने ये मुद्दा भी उठाया. दोनों देशों ने सीमा पार से चरमपंथी गतिविधियों को रोकने पर सहमति भी जताई.