उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले से 20 से ज्यादा घरेलू हिंसा की मिल रही सूचनाएं, अलग-अलग मोर्चों पर जूझ रही पुलिस के पास नई समस्या


लखनऊ. कोरोना महामारी के कारण पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से जारी लॉकडाउन से लोगों में चिड़चिड़ापन बढ़ा है और घरेलू हिंसा की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। नगर के एक वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विवेक अग्रवाल कहते हैं कि लगातार एक ही जगह या घर मे कैद रहने से स्वभाव मे चिड़चिड़ापन आ जाता है, जो हिंसा को बढ़ावा देता है। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अलग-अलग मोर्चों पर जूझ रही पुलिस को अब इस मोर्चे पर भी निपटना पड़ रहा है।


सामान्य दिनों से अधिक मामले 


राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बिमला बाथम ने कहा कि राज्य के 75 जिलों में लगभग हर जिले से 20 से ज्यादा घरेलू हिंसा की सूचनाएं आ रही हैं, जो सामान्य दिनों से कहीं अधिक है। लॉकडाउन लागू होने के पहले घरेलू हिंसा की इतनी सूचना आयोग को नहीं मिलती थी, लेकिन अब इसमें आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हो गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के पहले आयोग को घरेलू हिंसा की 123 शिकायत मिली थीं, जो लॉकडाउन लागू होने के बाद बढ़कर करीब 250 हो गई हैं। अभी यह समय भी नहीं कि आयोग इस पर कार्रवाई शुरू कर दे। सोमवार से शराब की बिक्री शुरू होने के बाद नई मुसीबत शुरू हो गई है। इटावा मे एक युवक शराब के नशे मे नदी मे डूब गया तो रायबरेली मे छह नशेड़ियों ने शराब पीकर खूब हंगामा किया। 


बच्चों का व्यवहार भी बदल रहा


मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि लॉकडाउन से लोगों मे अवसाद के लक्षण बढ़ जाते हैं और ये अधिकतर कामकाजी पुरुष और महिलाओं मे होता है। जो महिला घर के काम मे ही लगी होती हैं, उनमें अवसाद के लक्षण कम पाए जाते हैं, लेकिन जो महिलाएं घर के साथ ऑफिस मे भी काम करती हैं, उनके लिए लॉकडाउन एक नई मुसीबत है। लॉकडाउन से बच्चों के व्यवहार मे बदलाव आ रहा है। वो जिद्दी और चिड़चिड़े होते जा रहे हैं।


पति-पत्नी के व्यवहार में बदलाव


घर मे पतियों और पत्नी के व्यवहार मे परिवर्तन आ रहा है। खासकर उन पतियों मे ज्यादा परिवर्तन नजर आ रहा है, जो शराब या किसी अन्य चीज का नशा करते हैं। ऐसे लोग ज्यादा आक्रामक व्यवहार करते हैं और अपना गुस्सा पत्नी और बच्चों पर निकालते हैं। घरेलू हिंसा के बढ़ने के मुख्य कारणों मे इसे गिना जा रहा है।


कोरोना से जल्दी मुक्ति नहीं
डॉक्टर अग्रवाल कहते हैं कि इससे मुक्ति का उपाय तो यह कि हालात जल्दी सामान्य हो और लोग आम दिनों की तरह पहले जैसी जिंदगी जीने लगें, लेकिन कोरोना से इतनी जल्द मुक्त होने के अभी लक्षण तो नजर नहीं आ रहे।